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durga Poetry

अनकही बातें (Ankahi baatein) – A Hindi poem

ankahi baatein hindi poem

अनकही बातें कई तुमसे कहनी थीं पास आकर बैठो हाल-ए-दिल ज़रा सुनलो तुम्हें मालूम था परेशानी मेरी संभाला जब उलझी हुई थी सबर का बाँध टूट जाता गर साथ तुम्हारा तब ना होता ऐसे रखा खयाल मेरा जैसे हूँ फूल की पंखुड़ी ऐसा मुझपर असर हुआ इस चाहत में मैं और खिली एक तमन्ना जाग उठी है कहने को दिल बेकरार है एक अरसा हुआ कहे तुमसे मुझे आज भी तुमसे प्यार है Transliteration : Ankahi baatein kayi Tumse kehni…

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Barsaat ki yaad – Hindi poem

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गीली मिट्टी की सोंधी खुशबू से एक याद चली आती है  भीगती थी जब पानी में  वो बरसात याद आती है    भूल जाती छत्री जानबूझकर और भीगते घर आती थी चाय की चुसकी लेते जो मुस्कान छुपाती वो शरारत याद आती है   ज़माना था वो रेडियो का गानों की भी बरसात होती थी बारिश और गीत में जो होती जुगलबंदी वो मधुर रात याद आती है   Transliteration: Geeli mitti ki sondhi khushboo se Ek yaad chali aati…

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Badal (Clouds) – A Hindi poem

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यूँ चलते चलते जब नज़र ऊपर उठी एक अलग ही दुनिया मुझको दिखी विपरीत और विभिन्न, स्वच्छ और निर्मल नीला अंबर था, या नदी का शीतल जल? छोटे बड़े बादल यहाँ वहाँ फैले हुए नीले फर्श पर जैसे रुई के गोले रेंगते हुए निराकार, निर्बद्ध, श्वेत और शुद्ध दृश्य ऐसा के खो जाए सुध बुध ऐसे में क्षितिज पर देखा काला धुआँ अचानक वास्तविकता का आभास हुआ वाह रे इंसान तू कितना ऊँचा उठा धरती तो मैली हो गई आसमान…

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