Epic Channel के एकान्त के नए episode में रायगढ़ किले का दौरा हुआ। रायगढ़ का नाम सुनते ही बचपन में सुने छत्रपति शिवाजी महाराज की कहानियाँ याद आ गयीं। रायगढ़ मराठाओं का राजधानी था, ये तो पता था, मगर क्यों ये अब पता चला। रायगढ़ का किला ऐसी ऊंची पहाड़ी की चोटी पर बना था, जहाँ तीनों तरफ गहरी खायी थी और आने जाने का सिर्फ एक ही रास्ता था। सुरक्षा की व्यवस्था काफी चतुराई से की जाती थी।
एकान्त की team ने इस किले का अद्भुत दॄश्य दिखाया। टकमक टोक काफी डरावना था। पहाड़ी के ऐसे किनारे पर खड़े रहकर नीचे देखते ही दम निकल जाता होगा। हिराकनी बुरुज से हिराकनी की कहानी याद आई। एक माँ ने अपने छोटे बच्चे तक पहुँचने के लिए जो साहस दिखाया वो अभिवन्दनीय है। ऐसी माता को शत शत प्रणाम।
रायगढ़ के बाज़ार का वर्णन काफी रोचक था। घोड़े पर बैठते हुए ही सामान खरीदने के ब्यौरे ने आजकल गाड़ियों में बैठे ही foodstalls से खाना order करने का दॄश्य याद दिलाया। तो क्या ऐसे शॉपिंग करने की शुरुवात यहीं से शुरू हुई थी?
छत्रपति शिवाजी और रायगढ़ की कहानियाँ हर एक मराठा को ज्ञात है और उनको भी जिन्होंने ये कहानियाँ सुनीं हैं। किसी भी समृद्ध राज्य के सफलता के पीछे कई त्याग और बलिदान की कहानियाँ छुपे हैं। ऐसे ही गाथाएं मराठा साम्राज्य और रायगढ़ किले से भी जुड़ीं हैं। एकांत के एपिसोड के द्वारा उन अज्ञात वीरों को नमन करते हैं। कही न कही रायगढ़ के उन दीवारों के बीच आज भी शिवाजी महाराज एक स्मरण के रूप में रहते हैं। इसीलिए episode के अंत में शिवाजी महाराज की छवि को दिखाना असत्य नहीं लगा।
सच कहा आकुल त्रिपाठी ने, ‘ये भूमि है बलिदानों की, इससे तिलक करना मेरा सौभाग्य’। अपने बलिदानों से इन वीरों ने हमें स्वराज्य का मूल अर्थ सिखाया। मगर क्या इतनी कुर्बानियों से मिली स्वराज्य का आदर हम रख पाएं हैं?