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Barsaat ki yaad – Hindi poem

barsaat ki yaad hindi poem

गीली मिट्टी की सोंधी खुशबू से एक याद चली आती है  भीगती थी जब पानी में  वो बरसात याद आती है    भूल जाती छत्री जानबूझकर और भीगते घर आती थी चाय की चुसकी लेते जो मुस्कान छुपाती वो शरारत याद आती है   ज़माना था वो रेडियो का गानों की भी बरसात होती थी बारिश और गीत में जो होती जुगलबंदी वो मधुर रात याद आती है   Transliteration: Geeli mitti ki sondhi khushboo se Ek yaad chali aati…

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