गीली मिट्टी की सोंधी खुशबू से एक याद चली आती है भीगती थी जब पानी में वो बरसात याद आती है भूल जाती छत्री जानबूझकर और भीगते घर आती थी चाय की चुसकी लेते जो मुस्कान छुपाती वो शरारत याद आती है ज़माना था वो रेडियो का गानों की भी बरसात होती थी बारिश और गीत में जो होती जुगलबंदी वो मधुर रात याद आती है Transliteration: Geeli mitti ki sondhi khushboo se Ek yaad chali aati…
Browsing Tag